Rapid Organic Pvt. Ltd
मैंने रासायिनक खेती की जगह ऑर्गेनिक फार्मिंग को ही क्यों चुना?
"हर व्यक्ति चाहता है कि वो और उसका परिवार हमेशा स्वस्थ और सुखी रहे । पर स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ खानपान होना भी उतना ही जरूरी है जितना कि कुछ और । जब मैं खुद जैविक कृषि से जुड़ा भी नहीं था ये उस समय की बात है - मैंने हिन्दुस्तान में लगभग हर जगह महसूस किया कि लोग अपने भोजन के प्रति जागरुक तो हैं पर उनके पास विकल्पों की बहुत कमी है । ये बात उस समय की है जब किसान लोग सोचना शुरू कर दिये थे कि यूरिया के इस्तेमाल से फसल की पैदावार बढ़ जाती है और पेस्टीसाइड्स के इस्तेमाल से बीमाारिया दूर भागती हैं । अब ऐसी अवस्था में किसानों को कैसे समझाया जाए कि इनका प्रयोग ही हानिकारक है - ये हमारे लिये एक बहुत बड़ी चुनौती थी । पर हमने इसे स्वीकार किया और आज हमने अपने आपको साबित किया और आपके सामने राजस्थान प्रदेश के एक अग्रणी कंपनी के रूप में काम कर रहे हैं ।
यहां इस बात को समझना बहुत जरूरी है कि चीजों को हमेशा बिजनिस के नजरिये से भी नहीं देख सकते और न ही सिर्फ समाज सेवा के नजरिये से ही । दोनों में एक खास तरह का सामंजस्य होना बहुत जरूरी है । हमने हमेशा अपने कार्यक्रमों में अगर धन लाभ को प्रमुखता दी हो तो साथ ही उन छोटे किसानों को भी सपोर्ट किया है जो बडे किसानों की तरह जोखिम नहीं उठा सकते । हम हमेशा छोटे किसानों को वरीयता देते हैं क्योंकि यही किसान हमारे बिजनिस का आधार हैं और आश्चर्यजनक रूप से हमारी कंपनी पर अधिकतम रूप से निर्भर भी हैं । इस तरह से ये एक सिंबियोसिस जैसा निर्माण करता है, मतलब कि आप हमें सपोर्ट करें और हम आपको ।
इस बात की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि जो लोग कुछ वर्ष पहले तक भारत सरकार की नरेगा परियोजना से जुड़े हुए थे और काम की तलाश में अपनी खेती - बाड़ी छोड़कर नरेगा में लगे रहते थे, आज कृषि में स्वनिर्भर होकर एक खुशहाल जीवन जी रहे हैं । हमारे साथ जुड़े हुए करीब 1500 किसान इसी श्रेणी में आते हैं । इसे एक करिश्मा तो नहीं कहा जा सकता पर कृषि के क्षेत्र में हमारा एक छोटा सा योगदान तो कहा ही जा सकता है ।
मैं इस बात की ओर आपका ध्यान आकर्षित जरूर करना चाहता हूं कि रासायनिक उर्वरकों और पेस्टीसाइड्स के इस्तेमाल से कृषि उपज में बढोत्तरी अवश्य हो सकती है किंतु इसके दुष्परिणामों की कल्पना करना अत्यंत कठिन है । ये रासायनिक पदार्थ शरीर में धीरे - धीरे इकट्ठा होते रहते हैं और मनुष्य शरीर धीर - धीरे अनेक व्याधियों से घिर जाता है । ईश्वर द्वारा प्रदत्त ये शरीर अमूल्य है और मात्र कुछ पैसा बचाने के लिए हम इसे कुर्बान नहीं कर सकते ।
आखिर मैं बस यही कहना चाहुंगा कि ऑर्गेनिक भोजन अपनायें और अपने और परिवार को एक बेहतर भविष्य दें ।